Udaipur को 50 ई-बसें मिलेंगी, झीलों की नगरी में प्रदूषण के साथ ट्रैफिक लोड भी घटेगा

09:27 AM May 08, 2024 | Suraj Bunkar

उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर  प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस योजना के तहत उदयपुर-जयपुर समेत ‌प्रदेश के 8 शहरों को 500 ई-बसें मिलेंगी। सबसे ज्यादा 150 बसें जयपुर, जबकि उदयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, अलवर और भीलवाड़ा को 50-50 बसें मिलेंगी। इन बसों की खरीद प्रक्रिया जमीनी स्तर पर शुरू हो गई है। केंद्र ने प्रदेश की इन 500 सहित दूसरे राज्यों के लिए 3132 बसों की खरीद के लिए टेंडर जारी करवा दिया है। हालांकि इसे 15 अप्रैल तक खोला जाना था, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते यह काम जून में होगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अक्टूबर तक ये बसें संबंधित शहरों के नगर निगम को सौंप दी जाएंगी।

शहरी व उपनगरीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मांग, अभी 7 रूटों पर संचालन

एईएन और प्रभारी अधिकारी लखनलाल बैरवा ने बताया कि वर्तमान में शहर में 24 डीजल संचालित सिटी बसें सुबह 6:10 से देर शाम 7:50 बजे तक शहर के 7 प्रमुख रूटों पर चलती हैं। इनमें प्रतिदिन यात्रीभार औसत 15 हजार रहता है। 50 ई-बसों के मिलने बाद शहरी क्षेत्र, उपनगर क्षेत्र और पैराफेरी एरिया के रूटों पर भी इन बसों के संचालन की योजना बनाई जा रही है। हिरणमगरी उपनगरीय क्षेत्र, भुवाणा, बड़गांव, प्रताप नगर, उबेश्वरजी मार्ग पर सर्वाधिक मांग है। उदयपुर में इन 50 बसों में रोज 40 हजार से ज्यादा शहरवासी-पर्यटक आ-जा सकेंगे। अभी संचालित 24 डीजल बसों से रोज औसत 15 हजार लोग सफर कर रहे हैं। कुल 74 बसों के संचालन से रोज 55 हजार लोगों को एक तरफ सस्ता और सुगम सिटी ट्रांसपोर्ट मिलेगा। साथ ही सड़कों पर दोपहिया-चार पहिया वाहनों की आवाजाही घटने से ट्रैफिक लोड और प्रदूषण पर भी लगाम लगेगी। उदयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (यूसीटीएसएल) के सीईओ और निगम आयुक्त राम प्रकाश ने बताया कि केंद्र-राज्य सरकार की आर्थिक मदद से उदयपुर को मिलने वाली 50 ई-बसों के लिए नया प्रदूषण मुक्त बस डिपो तैयार कराने के लिए यूडीए से जमीन मांगी है। भूमि मिलते ही डिपो और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

ऐसे बनेगी योजना

पर्यटकों को सुविधा...पर्यटकों को परिवहन की बेहतर सुविधा प्रदान कराने की भी योजना बनाई जा रही है। आयुक्त राम प्रकाश की मंशा है कि पर्यटक स्थलों के भ्रमण के लिए अलग से ई-बस आरक्षित कर पर्यटकों की यातायात संबंधी समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके।