राजस्थान में तस्करी मामले में आरोपियों को 20 साल बाद सुनाई गई सजा और लगाया 1 लाख जुर्माना

03:00 PM May 08, 2024 | Suraj Bunkar

जैसलमेर न्यूज़ डेस्क,  कहते है कि कोई दोषी बच जाए लेकिन निर्दोष नहीं फंसाना चाहिए. शायद यही कारण रहा होगा कि सरहदी जिले जैसलमेर में 20 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार दो आरोपियों को बुधवार को जैसलमेर की पोकरण विधानसभा के पोकरण न्यायालय ने 10 साल कारावास व 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.  20 साल पहले 6 मई 2004 को पोकरण पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर डोडा पोस्त और अवैध शराब तस्करी के मामले में गिरफ्तार दो तस्कर को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई है. उन्हें तत्कालीन सीआई शंभूसिंह ने खेतोलाई गांव से पकड़ा था.

घर से बरामद हुआ 14.500 KG डोडा पोस्त, 1390 देशी शराब व 14 कट्टा

रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन सीआई शंभूसिंह के खेतोलाई गांव स्थित एक रहवासी के मकान में मौजूद दोनों तस्करों को गिरफ्तार करने पहुंचे तो दोनों मौके से भाग गए. तलाशी लेने पर उनके मकान में 14.500 किलो डोडा पोस्त, 14 कट्टे में 1390 देशी शराब एवं तीन कर्टन में 31 बोतल बरामद की गई थी.

15 गवाहों और 22 दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय ने सुनाया फैसला

इस पर कंवरुराम और निंबाराम के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया.जहां राज्य सरकार की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक फिरोज खां मेहर के द्वारा की गई. न्यायालय ने 15 गवाहों के बयान एवं करीब 22 दस्तावेज के अवलोकन बाद तर्क सुनकर निर्णय दिया.

प्रत्येक अभियुक्त को 10 साल जेल और 1 लाख जुर्माना की सजा

न्यायालय ने दोषी कंवरूराम उर्फ पपीया पुत्र भाखरराम एवं निम्बाराम पुत्र भाखरराम निवासीगण खेतोलाई जिला जैसलमेर को राजस्थान आबकारी अधिनियम में दोषसिद्ध किया जाकर प्रत्येक अभियुक्त को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.